

विधानसभा में कर रहे थे हंगामा स्पीकर ने हंगामा कर रहे विधायकों को बार-बार रोका, नियमों के तहत कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन वो नहीं माने
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में हंगामा मचाने पर कांग्रेस के 14 विधायकों को एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया। विपक्ष का कहना है कि बटन दबाने के बावजूद उनके एक विधायक को सवाल नहीं करने दिया गया। इसी बात पर विधायक भड़क गए। हंगामा इतना बढ़ा कि अध्यक्ष को हालात संभालने के लिए मार्शल बुलाने पड़े।
विधानसभा में हंगामा प्रश्नकाल में ही शुरू हो गया था। कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने एक पूरक प्रश्न के पूछने के लिए बटन दबाया, लेकिन स्पीकर कैलाश मेघवाल ने उन्हें मौका नहीं दिया। डोटासरा ने इसका विरोध किया तो स्पीकर ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र का मामला है। वो अपने नियमों में फैसला करते हैं। इसी बात पर विपक्षी विधायक अशोक चांदना और धीरज गुर्जर समेत कई विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। बाद में सदन की व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्पीकर को मार्शल बुलाने पड़े।
असंसदीय भाषा का हुआ इस्तेमाल
हंगामे के दौरान असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, इसे विधानसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया। स्पीकर ने हंगामा कर रहे विधायकों को बार-बार रोका, नियमों के तहत कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन वो नहीं माने। बाद में सरकार की ओर से विधायक कालूलाल गुर्जर ने हंगामा करने वाले 14 विधायकों को सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूर कर लिया गया। सस्पेंड किए गए विधायकों में बसपा के मनोज न्यांगली और निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल भी शामिल हैं।
इन्हें किया गया सस्पेंड
विपक्ष के सचेतक और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, उपनेता रमेश मीणा, अशोक चांदना, धीरज गुर्जर, घनश्याम मेहर, दर्शन सिंह, श्रवण कुमार, शकुंतला रावत, रामनारायण गुर्जर और निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल और बसपा के मनोज न्यांगली।
स्पीकर ने क्या कहा?
विधानसभा नियमों में चलता है, वे भी नियमों के दायरे में काम करते हैं। अगर कोई चेयर का अपमान करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।